वाशिंगटन जियो इंजीनियरिंग संघ (हिंदी Hindi)

वाशिंगटन जियो इंजीनियरिंग संघ जलवायु जियो इंजीनियरिंग के बारे में तेजी से बढते हुए संवाद को व्यापक बनाने के लिए काम कर रहे शिक्षाविदों का एक छोटा सा समूह है।

जलवायु जियो इंजीनियरिंग ‘जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए या उसके प्रभावों को कम करने के लिए सोचे गए या विकसित किए गए तकनीकी हस्तक्षेप’ के एक समूह का वर्णन करता है।  उनके दो बड़े समूह हैः 1) वो जो हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को हटाते और उसका संग्रह करते है या इंधन में रूपांतरित करते हैं (जिनको कार्बन डाइऑक्साइड रीमूवल टेक्नोलोजीस के तौर पर जाना जाता है) और 2) जिनका हेतु पृथ्वी तक पहुंचनेवाले सौर विकिरण के प्रमाण को कम करना है (जिसे सौर विकिरण प्रबंधन के रूप में जाना जाता है)।

अभी हाल तक, इन तकनीकों के बारे में संवाद छोटे शैक्षिक सेटिंग्स और विज्ञान कथा सम्मेलनों तक ही सीमित थे।  अब और नहीं।  वैश्विक जलवायु स्थिति अब इतना गंभीर है, और राजनीतिक आउटलुक इतना बुरा है कि, दुनिया भर में, कई वैज्ञानिक और नीति निर्माता, एक ‘प्लान बी’ पर विचार कर रहे हैं।  इसका प्रमाण इस हकीकत से मिलता है कि यह जलवायु जियो इंजीनियरिंग क उलेख जलवायु परिवर्तन विज्ञान और प्रभाव रिपोर्टों में तेजी से बढ रहा है।

उदाहरण के लिए, कई तकनीक के पीछे छिपे विज्ञान और इंजीनियरिंग को समझाते हुए और, कुछ संभावित राजनीतिक और न्याय लाभ और जोखिम को समझने के लिए प्रयास करते हुए, जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट पर नवीनतम संयुक्त राष्ट्र अंतरसरकारी पैनल (UNIPCC AR5), जलवायु जियो इंजीनियरिंग की चर्चा विस्तार से कर रही है।  हाल ही में, जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन और विश्व मौसम विज्ञान संगठन, दोनों संस्थाओ ने इस विषय पर स्थिति और सहमती बनाने के लिए प्रयास किए हैं।

अंतरराष्ट्रीय दायरे के बाहर, ब्रिटेन, नार्वे और फ्रांस सहित, अलग अलग देशो ने, अब जलवायु जियो इंजीनियरिंग को टटोलनेवाले राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंडा का समावेश किया है।  संयुक्त राज्य अमेरिका जल्दी से उस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

इस लेखन में हमारा लक्ष्य अनुसंधान या जलवायु जियो इंजीनियरिंग की तैनाती की खूबियों के बारे में एक तर्क बनाने के लिए नहीं है।  बल्कि हमारा लक्ष्य सिर्फ ये संदेश लोगो तक पहँचाना है कि यह संवाद हो रहा है, इसको महत्व मिल रहा रहा है, और इसका परिणाम आप को प्रभावित करेगा।

जाहिर है, भारत को जलवायु जियो इंजीनियरिंग के सामूहिक भविष्य जलवायु जियो इंजीनियरिंग पर अनुसंधान होना चाइए या नहीं? इस वैश्विक निर्णय के बारे में हो रहे संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।  जलवायु जियो इंजीनियरिंग का अभिनियोजन करना चाहिए या नहीं?  यदि हां, तो कैसे और कौन तय करेगा?  ये ऐसे निर्णय है जो भारत को प्रभावित करेंगे, और इन निर्णयों में भारत को शामिल किया जाना चाहिए।

फिलहाल, हमारी यह समझ है कि यह बहुत महत्वपूर्ण संवाद ज्यादातर अंग्रेजी में हो रहा है.  और दुनिया के ज्यादातर लोगो के अंग्रेजी ना बोलने की वजह से , यह एक समस्या है।  क्या ऐसा कोई संवाद हिंदी में हो रहा है?  क्या विश्वविद्यालय, सरकारी और गैर सरकारी संगठन इस वैश्विक संवाद का अनुसरण कर रहे हैं?

हमें बताइएँ!  हमें जलवायु जियो इंजीनियरिंग की चर्चा करनेवालें हिन्दी लेख और प्रकाशन खोजने में मदद करें।  हमें हमारी वेबसाइट पर उन्हें पोस्ट करके और और दूसरों को उन तक पहुँचाने में मदद करके खुशी होगी।

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